Theory of Citizenship by Anthony Gidden

Theory of Citizenship by Anthony Gidden

नागरिकता पर अन्थोनी गिड्स के विचार

Hello दोस्तों Gyaan uday में आपका स्वागत है । आज हम बात करते हैं, नागरिकता पर एंथोनी गिड्स के विचारों की । एंथोनी गिड्स ने नागरिकता पर अपने विचार दिए, उसके अनुसार नागरिकता का जन्म राष्ट्र राज्यों के साथ हुआ है । गिड्स के अनुसार राज्य की प्रभुसत्ता का मतलब है, प्रजा पर नियंत्रण । लेकिन प्रजा पर नियंत्रण, जोर जबरदस्ती से नहीं किया जा सकता, बल्कि लोगों की सहमति के साथ ही हो सकता है । जनता पर नियंत्रण करने के लिए शासकों ने अपनी शक्ति को बढ़ाने की कोशिश की थी, लेकिन साथ ही जनता ने भी शासकों पर नियंत्रण बनाने की कोशिश की । इस तरह जनता और शासकों के बीच एक संघर्ष शुरू हो गया । इस संघर्ष की वजह से राष्ट्र, राज्य और नागरिकता का जन्म हुआ ।

एंथोनी गिड्स ने अपने सिद्धांत से राज्य, प्रभुसत्ता और लोकतंत्र को समझाया । गिड्स के अनुसार राज्य के उदय के बाद इस बात की आवश्यकता महसूस हुई की लोगों पर अधिक से अधिक नियंत्रण कैसे किया जाए और लोगों से जुड़ी सूचनाओं को इकट्ठा किया जाए । लेकिन इन दोनों कामों के लिए राज्य की शक्ति को बढ़ाना आवश्यक था । जैसे ही राज्य ने अपनी शक्ति को बढ़ाने की कोशिश की । वैसे ही लोगों ने राज्य का विरोध किया । इस तरह जनता और शासकों के बीच संघर्ष शुरू हुआ और इस संघर्ष से दो चीजों का जन्म हुआ ।

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पहला जनता और शासकों के बीच संघर्ष में जनता की जीत हुई यानी लोकतंत्र का जन्म हो गया । और सरकार पर जनता का नियंत्रण हो गया ।

दूसरा लोकतंत्र के उदय के बाद लोगों ने अपनी इच्छा के मुताबिक सरकार बनाई और लोग इस बात के लिए तैयार हो गए कि सरकार की शक्ति को बढ़ाया जाए ।

एंथोनी गिड्स के अनुसार राज्य, प्रभुसत्ता और लोकतंत्र के उदय के बाद सभी को समान सदस्यता मिल गई । लेकिन यह स्थिति लंबे समय के बाद पैदा हुई । जैसे शुरू में शक्तिशाली वर्गों को और सामंतवादी वर्गों को विशेष अधिकार दिए गए थे । हालांकि लोकतंत्र के उदय के बाद सभी को समान अधिकार दिए गए थे । लेकिन पूंजीपति और मजदूरों के बीच संघर्ष चलता रहा ।

मजदूरों को शांत करने के लिए राज्य ने कल्याणकारी नीतियों को अपनाया । इस तरह कल्याणकारी राज्य का जन्म हुआ । नागरिकता का जन्म वर्ग संघर्ष के कारण हुआ था और यह वर्ग संघर्ष हर युग में हुआ था । मजदूरों ने पूंजीपतियों और सामंतों के खिलाफ संघर्ष किया क्योंकि मजदूर वर्ग और निम्न वर्ग के लोग उच्च वर्ग के लोगों के बराबर अधिकार पाना चाहते थे । इस संघर्ष की वजह से यह विचार पैदा हुआ कि एक निश्चित भू-भाग पर रहने वाले सभी लोगों को एक समान नागरिक अधिकार मिलने चाहिए । कोई व्यक्ति अमीर है या गरीब है । इसका अधिकारों से कोई संबंध नहीं होना चाहिए, बल्कि सभी नागरिकों को एक समान अधिकार मिलने चाहिए ।

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इस तरह गिड्स ने अपने सिद्धांत से यह साबित करने की कोशिश की कि नागरिकता का जन्म वर्ग संघर्ष से हुआ है । जबकि मार्शल ने वर्ग संघर्ष के बारे में बिल्कुल भी नहीं बताया । इसलिए एंथोनी गिड्स, मार्शल के विचारों को नहीं मानता । एंथोनी गिड्स के अनुसार नागरिकता और राष्ट्र राज्य एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं । सामंतवाद एक व्यवस्था सामंतों को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं और बाकी लोगों को बहुत ही कम अधिकार दिए गए हैं । सामंतवादी व्यवस्था लोगों के विकास में रुकावट थी । इसलिए लोग सामंतवादी व्यवस्था से तंग आ चुके थे और लोगों ने मिलकर सामंतवादी व्यवस्था का अंत करने के लिए संघर्ष किया था । सामंतवाद व्यवस्था खत्म हो गई और सामंतवाद व्यवस्था खत्म होने के बाद राष्ट्र राज्यों का निर्माण हुआ । और जिन लोगों ने राष्ट्र निर्माण के लिए सहयोग किया वह राज्य के नागरिक बन गए । इस तरह जो नागरिकता पैदा हुई वह वर्ग संघर्ष से पैदा हुई है । लोगों ने राज्य का विरोध किया ।

तो दोस्तों ये था आपका नागरिकता पर एंथोनी गिड्स के विचार, अगर आपको ये post अच्छी लगी तो अपने दोस्तो के साथ Share करें, तब तक के लिए धन्यवाद ।।

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