स्वतंत्रता पर जे. एस. मिल के विचार

J.S. Mill views on liberty in Hindi

Hello दोस्तों ज्ञानोदय में आपका स्वागत है । आज हम बात करते हैं, “स्वतंत्रता पर जे एस मिल के विचारों के बारे में” । जे एस मिल यानी जॉन स्टूअर्ट मिल (John Stuart Mill) एक उदारवादी विचारक थे । जिसने स्वतंत्रता पर अपने विचार दिए । मिल ने स्वतंत्रता के मतलब को समझाने के लिए एक निबंध लिखा “ऑन लिबर्टी” (On Liberty) और इस निबंध में एक सिद्धांत बताया । वह था “हानि का सिद्धांत” । मिल का यह मानना था कि हर व्यक्ति सुख चाहता है और व्यक्ति का जो विकास हो सकता है वह स्वतंत्रता से हो सकता है । लेकिन व्यक्तियों के हर काम को स्वतंत्रता नहीं कह सकते बल्कि व्यक्तियों के कामों को दो भागों में बांटा जा सकता है । (J.S. Mill views on liberty in hindi)

इस Topic की Video देखने के लिए यहाँ Click करें ।

पहला स्वसंबंध और

दूसरा परसंबंध

स्वसंबंध ऐसे काम होते हैं, जिसका असर सिर्फ करने वाले पर होता है, यानि कर्ता पर होता है । जैसे एक व्यक्ति क्या खाता है, क्या पहनता है, किस धर्म को मानता है, किस भाषा का इस्तेमाल करता है । यह सारी की सारी उसकी निजी बातें हैं । यानी Personal बातें हैं,  जो कि किसी व्यक्ति विशेष के निजी कार्य से संबंध रखती हैं । इसलिए इस बारे में यह कहा जाता है कि “मेरा काम इसे मैं जैसे मर्जी करूँ” । जब तक इस काम से किसी दूसरे व्यक्ति के ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, तो किसी को उस व्यक्ति से कोई समस्या नहीं होनी चाहिए । मिल का यह कहना था कि व्यक्ति को उस व्यक्ति से संबंधित कार्यों (यानी निजी कामों के लिए) के लिए एकदम खुला छोड़ देना चाहिए क्योंकि इस काम से दूसरे पर कोई असर नहीं पड़ता यानी दूसरों को कोई समस्या नही होती । और

कौटिल्य के सप्तांग सिद्धान्त के लिए यहाँ Click करें ।

सप्तांग सिद्धान्त की Video के लिए यहाँ Click करें ।

दूसरा कार्य है परसंबंध ।

परसंबंध ऐसे कार्य होते हैं जिनका करने का असर दूसरों  व्यक्तियों पर भी पड़ता है, जैसे कि एक व्यक्ति शराब पीकर अनाप-शनाप बोलता है, हालांकि शराब पीने का असर सिर्फ पीने वाले पर ही पड़ता है, लेकिन शराब पीने के बाद कोई व्यक्ति नशे में जो अनाप-शनाप बोलता है, उससे किसी दूसरे का भी नुकसान हो सकता है । इसी तरीके से कोई इंसान अगर चोरी करता है । जो चोरी करता है, भले ही उसका फायदा होता है, लेकिन जिसके यहां चोरी होती है । उसके यहां नुकसान होता है । मिल का यह कहना था कि परसंबंध कार्यों पर पाबंदी लगनी चाहिए क्योंकि इससे दूसरों को समस्या होती है । बहुत ज्यादा परेशानी होती है । (J.S. Mill views on liberty in Hindi)

राजनीति सिद्धान्त (Political Theory in Hindi) के बारे पढ़ने के लिए यहाँ Click करें ।

Political Theory (राजनीति सिद्धान्त) की Video के लिए यहाँ Click करें ।

मिल का तो यहां तक कहना था कि इंसान को आत्महत्या या सुसाइड करने तक का हक है । अगर इसका असर समाज पर या किसी और संस्था पर न पड़े तो, क्योंकि जब एक इंसान सुसाइड करता है या आत्महत्या करता है तो उसकी लाश (Dead Body) का सोसाइटी को ही क्रियाकर्म करना पड़ता है । यानी समाज को उसकी आत्महत्या से बहुत ज्यादा परेशानी होती है और बहुत ज्यादा दिक्कत होती है ।

अब मिल हमें यह भी बताते है कि परसंबंध कार्यों पर किस तरीके से पाबंदी लगा देनी चाहिए । मिल का यह कहना था कि परसंबंध कार्यों पर पाबंदी लगानी चाहिए । लेकिन पाबंदी तब लगानी चाहिए । जब कोई हानि गंभीर हो अगर हानि, गंभीर नहीं है तो कानूनी कार्यवाही के जरिए सामाजिक स्तर पर कार्यवाही करनी चाहिए । उदाहरण के लिए एक बहुत बड़ा फ्लैट है । उस फ्लैट में नीचे से लेकर ऊपर तक काफी सारे लोग रहते हैं । अब एक इंसान उसी फ्लैट के अंदर तेज आवाज से गाना बजाता है तो दूसरे लोग जो उसी फ्लैट में रहते हैं, उन लोगो को परेशानी होती है । किसी के घर में रिश्तेदार आए हुए हैं और जो तेज आवाज की वजह से आपस में बातें नहीं कर पा रहे हैं । इसी तरीके से उसी फ्लैट में कोई इंसान पढ़ने की कोशिश कर रहा है लेकिन तेज आवाज की वजह से उसका ध्यान नहीं लग पा रहा है और वह अच्छे से पढ़ाई नहीं कर पा रहा है । एक इंसान सोने की कोशिश कर रहा है । वह सो नहीं पा रहा है । एक इंसान अपनी मनपसंद पिक्चर देख रहा है लेकिन उस तेज़ आवाज की वजह से और उसकी परेशानी से वह फिल्म को अच्छे से नहीं समझ पा रहा है या उसको इंजॉय नहीं कर पा रहा है ।

बी. आर. अम्बेडकर के जाति व्यवस्था पर विचारों को पढ़ने के लिए यहाँ Click करें ।

B.R. Ambedkar के विचारों की video के लिए यहाँ Click करे ।

तो ऐसे में कानून को बीच में लाने की जरूरत नहीं है बल्कि सभी को मिलकर उससे बातचीत करनी चाहिए और कहना चाहिए कि आप अपनी आवाज को कम कर लो ताकि हमें कोई दिक्कत ना हो । एकदम से कानून को बीच में नहीं लाना चाहिए, बल्कि कानूनी कार्यवाही की बदले सामाजिक कार्यवाही से काम लेना चाहिए और पाबंदी तब लगानी चाहिए जब हानी गंभीर हो या कोई समस्या का समाधान ना हो । और पाबंदी इस तरीके से लगानी चाहिए कि व्यक्ति को कम से कम हानि हो । जैसे कि कोई इंसान अगर गलत भाषण देता है तो उसके आने-जाने और सभा करने पर पाबंदी लगा देनी चाहिए ताकि दूसरे लोगों को नुकसान ना हो । उसको कठोर सजा नहीं देनी चाहिए । यह नहीं सोचना चाहिए कि “ना रहेगा बांस और ना बजेगी बांसुरी” । बल्कि उसके आने जाने पर और बोलने पर पाबंदी लगा देनी चाहिए ताकि वह इंसान भविष्य में इस तरीके का गलत भाषण ना दे । क्योंकि उसके बोलने से दूसरे लोगों में गलत भावना पैदा होती है ।

न्याय का सिद्धान्त जॉन रॉल्स को पढ़ने के लिए यहाँ Click करें ।

John Rawls : A Theory of Justice (Hindi) की video के लिए यहाँ Click करे ।

मिल के सिद्धांत की आलोचना

कुछ लोगों ने मिल के इस सिद्धांत की आलोचना की है । आलोचकों का यह कहना है कि इंसान के कामों को दो भागों में नहीं बांटा जा सकता । इंसान के हर काम का असर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से यानी (Direct and Indirect) रूप से समाज पर पड़ता है । लोगों पर पड़ता है । जैसे कि एक इंसान क्या खाता है, क्या पहनता है, क्या करता है या किस तरह के विचार रखता है । उस हर चीज का असर दूसरों पर पड़ता है । जैसे कि इंसान के पहनावे का असर भी दूसरों पर पड़ता है या फिर अधिकतर एक्सीडेंट या दुर्घटनाएं होती हैं, वह नजरों की बिगाड़ की वजह से ही पैदा होती हैं । हम देखते कहीं हैं और गाड़ी कहीं चलाते हैं और इसी वजह से एक्सीडेंट हो जाता है । आलोचकों के अनुसार कहने का अभिप्राय यह है कि हर चीज का असर समाज पर पड़ता है । चाहे उसका खान-पान हो, रहन-सहन हो । इसीलिए बहुत सारे लोगों का यह कहना है कि मिल की स्वतंत्रता को दो हिस्सों में नहीं बांटा जा सकता । इंसान के हर काम का असर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से समाज पर ही पड़ता है ।

टी. एच. मार्शल द्वारा नागरिकता का सिद्धान्त को पढ़ने के लिए यहाँ Click करें ।

Theory of citizenship by TH Marshall in Hindi की video के लिए यहाँ Click करे ।

तो दोस्तों यह था आपका जे एस मिल के स्वतंत्रता पर विचार अगर आपको यह Post अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ Share करें और हमारी Website पर Latest Post पाने के लिए Subscribe करें ।

अगर आपको इस topic के detailed notes चाहिये तो आप हमारे whatsapp 9999338354 पर Contact कर सकते हैं ।

तब तक के लिए धन्यवाद !!

This Post Has One Comment

  1. Aman G Mishra

    बहुत बहुत धन्यवाद, इस लेख के लिए

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.