सत्ता क्या है; विशेषताएं, प्रकार औऱ सीमाएं

What is Authority? Types, Merits and Limits

Hello दोस्तों ज्ञान उदय में आपका एक बार फिर स्वागत है और आज हम जानेंगे राजनीति विज्ञान में ‘सत्ता यानी Authority के बारे में । इसमें हम जानेंगे सत्ता का अर्थ क्या होता है ? उसकी परिभाषा क्या है ? सत्ता की प्रकृति उसके प्रकार ? सत्ता की विशेषताएं, कार्य और उसकी सीमाओं के बारे में । तो चलिए शुरू करते हैं ।

सत्ता क्या है ? अर्थ और परिभाषा What is Authority ?

साधारण शब्दों में कहा जाए तो, सत्ता (Authority) शब्द का अर्थ शक्ति (Power) से लिया जाता है और सत्ता की शक्ति  का स्त्रोत सरकार को माना जाता है । सत्ता की ताकत सरकार के पास होती है । शक्ति के साधन सरकार के पास होते हैं और उसको इस्तेमाल करने की भी का भी अधिकार सरकार के पास होता है  । यानी केंद्र में जिसकी सरकार होती है, सत्ता और शक्तियां भी अधिकतर उसी के पास होते हैं ।

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साधारणतया सत्ता वह आचरण है । जिसके आधार पर कोई अपनी शक्ति या बल का इस्तेमाल करता है । सत्ता एक विशेष तरह का औचित्यपूर्ण (Justified) प्रभाव है । सत्ता शक्ति का संस्थापक और कानूनी रूप है । यानी

“सत्ता ही शक्ति है ।  यानी Authority is Power.”

प्राचीन काल में सत्ता या शक्ति राजाओं के पास होती थी । जिसके द्वारा वह राज्य के विकास, जनता के लिए कानून, सुविधाओं और दूसरी चीजों पर अपना अधिकार रखते थे । शासक और शासित वर्ग में जब संबंध स्थापित होता है, तो सत्ता का उदय होता है । शासक यानी राजा या सरकार अपनी शक्ति तथा प्रभाव को किसी संस्था या कानून के माध्यम से शक्ति के रूप में या कहें तो सत्ता के रूप में उसका इस्तेमाल करती है ।

आइए अब जानते हैं, अलग-अलग विद्वानों ने सत्ता के बारे में अपनी क्या राय दी है ?

ऐरिक रोवे के अनुसार-

“सत्ता व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा राजनीतिक नेताओं के निर्माण तथा राजनीतिक व्यवहारों को प्रभावित करने का तरीका है ।”

बर्नार्ड बारबर ने सत्ता को “एक औचित्यपूर्ण (Justified) शक्ति” बताया है ।-

बीच (Beach) के अनुसार-

“दूसरे के कार्य को प्रभावित करना तथा निर्देशित करने के औचित्यपूर्ण अधिकार को सत्ता कहते हैं ।”

रोबर्ट बीयर्सटेड के अनुसार –

“सत्ता स्वयं शक्ति नहीं बल्कि, शक्ति का प्रयोग संस्थात्मक अधिकार है ।”

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इसी तरह से यूनेस्को (UNESCO) ने अपनी रिपोर्ट में भी सत्ता को कुछ इस तरह से बताया है-

“सत्ता वह शक्ति (Power) है, जो स्वीकृत (Accepted), प्रतिष्ठित (Distinguished), ज्ञात (Known) तथा औचित्यपूर्ण (Justified) है ।”

सत्ता की विशेषताएं (Merits of Authority)

आइए अब सत्ता की कुछ विशेषताओं के बारे में जान लेता है । हालांकि सत्ता का इस्तेमाल कुछ उद्देश्य की पूर्ति के लिए किया जाता है । सत्ता की विशेषताएं निम्न प्रकार हैं ।

1 औपचारिक रूप से सत्ता एक प्रबंधकीय अधिकार है, जिसमें एक सृंखलाबद्द तरीके से आदेश ऊपर से नीचे की तरफ आते हैं ।

2 विशिष्ट और निश्चित रूप से अधिकारियों और अधिनस्थों को अधिकार दिए जाते हैं ।

3 अधीनस्थों की भूमिका कार्य को रूपरेखा देने और उसे निष्पादित करने की होती है ।

4 संस्थागत और संगठनात्मक के निर्माण का आधार के रूप में सत्ता की इस विशेषता को देखा जाता हैं ।

5 वस्तु पूरक  सत्ता प्रबंधन के रूप में कार्य को करना आदि |

6 कानूनी रूप में सत्ता की विशेषता जनता के लिए नियम, कानून का निर्माण है ।

7 शासक की स्थिति पर निर्भर किस तरह के कानून बनाना और उनको लागू करवाना ।

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सत्ता के प्रकार (Types of Authority)

आइए अब बात करते हैं, सत्ता के प्रकार की । सत्ता का वर्गीकरण कई आधारों पर किया जा सकता है । इसमें प्रमुखता 3 आधारों को महत्वपूर्ण माना जाता है । 1) क्षेत्रीय आधार पर 2) संविधान के आधार पर और 3) राजनीतिक आधार पर । इनका विवरण निम्नलिखित है ।

1 क्षेत्रीय आधार पर सत्ता के प्रकार

अगर हम बात करें क्षेत्रीय आधार पर तो, सत्ता को तीन स्तरों में वर्गीकृत किया जा सकता है । (१) स्थानीय स्तर पर, (२) राष्ट्रीय स्तर पर और (३) अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ।18

2 संविधान के आधार पर सत्ता के प्रकार

संविधान के हिसाब से सत्ता को दो रूपों में बांटा जा सकता है । जिसमें (१) संवैधानिक रूप और (२) कानूनी प्रक्रिया

3 राजनीतिक आधार पर सत्ता का वर्गीकरण

अगर सत्ता को राजनीतिक दृष्टि से देखा जाए तो इसको हम दो भागों में बांट सकते हैं । जिसमें (१) राजनीतिक दृष्टिकोण और (२)  प्रशासनिक दृष्टिकोण । सत्ता का यही रूप सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है ।

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सत्ता के कार्य (Actions of Authority)

आइए अब सत्ता के विभिन्न कार्यों के बारे में जान लेते हैं । सत्ता में रहते हुए शासन को अपने कई उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कई तरीके के कार्य करने पड़ते हैं । सत्ता के कार्य में उस राज्य या देश के हित जुड़े होते हैं, जिसमें उसे उसके विकास से संबंधित कार्य करने पड़ते हैं । आइए जान लेते हैं, कुछ कार्यों के बारे में जान में निम्नलिखित ।

1) सत्ता में शासन के विभिन्न अंग होते हैं । इन अंगों में तनाव और टकराव को दूर करना ।

2) सत्ता के विभिन्न अंगों में अनुशासन स्थापित करना भी इसके कार्य मे आता है ।

3) सत्ता उद्देश्य के अनुसार कार्य करती है । कार्य निष्पादन हेतु लक्ष्य और उद्देश्यों के अनुरूप निर्णय लेना ।

4) अधिकारियों और अधीनस्थों पर नियंत्रण करना  ।

5) अधिकारों और कार्यों का बटवारा । प्रत्यायोजन शासन को सुचारू रूप से चलाने के लिए

6) सत्ता का कार्य राष्ट्रीय विकास के लक्ष्य को पूरा करने व प्राप्त करने के लिए अग्रसर होना ।

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सत्ता की सीमाएं (Limitations of Authority)

आइए अब जानते हैं, सत्ता की सीमाओं के बारे में । जिस तरह से हर किसी चीज की चीज लिमिट होती है । वैसे ही सत्ता की भी अपनी सीमाएं हैं । जिनके अंदर रहकर सत्ता को अपने कार्य और उद्देश्यों को पूरा करना होता है । सत्ता की निरंकुशता को नियंत्रित करने के लिए और उस पर कुछ प्रतिबंध या सीमाएं लगाई जाती हैं । जिससे किसी के अधिकारों का हनन ना हो । सत्ता की कुछ सीमाएं निम्नलिखित हैं ।

1) हर व्यक्ति के अपने अपने अधिकार होते है । मनुष्य के मूल अधिकारों के आधार पर किसी का अधिकार न छिने ।

2) सत्ता में जो लक्ष्य निर्धारित किये जाते हैं । कोई भी लक्ष्य के प्रतिकूल नहीं जा सकता ।

3) सत्ता में सभी के साथ औचित्य पूर्णता आवश्यक है ।

4) सत्ता में शासन करने वालो का हित ।

5) सत्ता को अंतर्राष्ट्रीय नियम, संधि, संगठन आदि को ध्यान में रखकर कार्य करने होते हैं ।

6) संगठन के नियम, विनिमय आदि । सत्ता की सीमाओं को ध्यान में रखकर करना पड़ता है ।

7) सत्ता में निर्णय लेते समय परंपरा, लोकाचार, मूल्य, मान्यता, संस्कृति आदि की अवहेलना को भी ध्यान में रखना पड़ता है ।

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इस तरह हम निष्कर्ष के रूप में यह कह सकते हैं कि सत्ता का कार्यक्षेत्र ऐसी असिमित व निरंकुश ना होकर प्रतिबंधों से मर्यादित है । सत्ता को अपनी सीमाओं में रहकर कार्य करना होता है । किसी के अधिकारों का हनन भी न हो और उद्देश्य के अनुसार कार्य हो ।

तो दोस्तो यह था राजनीति विज्ञान में सत्ता, उसका अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं और सस्ता की सीमाएं । अगर आपको यह Post अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर Share करें । तब तक के लिए धन्यवाद !!

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