शस्त्र नियंत्रण और निशस्त्रीकरण

Arms Control and Disarmament

Hello दोस्तों ज्ञानउदय में आपका एक बार फिर स्वागत है और आज हम बात करते हैं, अंतरराष्ट्रीय राजनीति में शस्त्र नियंत्रण और निशस्त्रीकरण (Arms Control and Disarmament) के बारे में । जैसा कि हम सभी जानते हैं कि विश्व में होने वाले विनाशकारी युद्धों के पीछे शस्त्रीकरण और शास्त्रों की होड़ प्रमुख कारण रहते हैं । इस Post में हम जानेंगे शस्त्र नियंत्रण तथा निशस्त्रीकरण का अर्थ, परिभाषा, उसके प्रकार और इनमें प्रमुख अंतरों के बारे में । तो चलिए शुरू करते हैं आसान भाषा में ।

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निशस्त्रीकरण की आवश्यकता

विश्व स्तर पर शांति तथा सुरक्षा को बनाए रखने के लिए यह बहुत आवश्यक मानी जाती है । शस्त्रीकरण से युद्ध की संभावना रहती है । क्योंकि इससे युद्ध तथा तनाव का बना रहता है । शस्त्र निर्माण में अधिक व्यय होता है तथा लोक कल्याणकारी कार्य नहीं हो पाते और नैतिकता तथा मानवता के प्रतिकूल माने जाते हैं । यह पर्यावरण को नुकसान भी देता है । एक ओर यह हमें विनाश की तरफ ले जाता है ।

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शस्त्र नियंत्रण और निशस्त्रीकरण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति और सुरक्षा बनाए रखने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं । क्योंकि शस्त्र ही युद्ध के साधन माने जाते हैं । इसीलिए इन शस्त्रों को समाप्त करके युद्ध की संभावनाओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है ।

इसी दिशा में सन 1985 में भौतिक वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार दिया गया, जिन्होंने शस्त्रों और विशेषकर परमाणु हथियारों के बारे में लोगों में चेतना जगाने का प्रयास किया ।

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प्रथम विश्व युद्ध तथा द्वितीय विश्व युद्ध इसके प्रत्यक्ष प्रमाण है कि 25 वर्षों के अंतराल में यह दो विश्व युद्धों से बढ़े स्तर पर हानि होने के कारण तथा भविष्य में युद्ध की विभीषिका से बचने के लिए, अंतरराष्ट्रीय शांति तथा सुरक्षा की प्राप्ति करना अब मानवता का प्रमुख उद्देश्य बन गया है । इसी दिशा में निशस्त्रीकरण तथा शस्त्र नियंत्रण को इसका प्रमुख साधन माना जाता है ।

निशस्त्रीकरण क्या है ?

आइए अब जानते हैं विस्तार से निशस्त्रीकरण के बारे में । अगर साधारण भाषा मे कहा जाए तो निशस्त्रीकरण का सामान्य अर्थ यह है कि शारीरिक हिंसा प्रयोग के समस्त भौतिक तथा मानवीय साधनों का उन्मूलन यानी कि इसको खत्म करना । इस तरह निशस्त्रीकरण का अर्थ है कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में युद्ध रोकने के साधन के रूप में शस्त्रों में कटौती करना तथा उनका परित्याग करना ।

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मार्गेनथाऊ ने शस्त्र नियंत्रण के बारे में कहा है कि-

“शस्त्र दौड़ (हथियारों की होड़) को समाप्त करने के उद्देश्य से विशेष या सभी तरह के शस्त्रों की समाप्ति या कटौती ही निशस्त्रीकरण कहलाती है ।”

वी. वी. डाइक के अनुसार-

“सैन्य शक्ति से संबंधित किसी भी नियंत्रण या प्रतिबंध लगाने को निशस्त्रीकरण कहा जाता है ।”

इस प्रकार निशस्त्रीकरण का प्रयोग अंतरराष्ट्रीय संबंधों में युद्ध को रोकने या टालने के लिए एक साधन के रूप में माना जाता है । शस्त्रों में कटौती करना और उनका त्याग करना इसका प्रमुख उद्देश्य माना जाता है । यह धारणा इस बात पर आधारित है कि-

“यदि आप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति और सुरक्षा चाहते हैं तो, युद्ध के उपकरणों का आपको त्याग करना पड़ेगा ।”

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हालांकि इस कथन को एक नियम के अनुसार इसका विपरीत माना जाता है जो कि निम्नलिखित है-

“यदि तुम शांति चाहते हो तो, युद्ध के लिए तैयार हो जाओ ।”

निशस्त्रीकरण के प्रकार

आइए अब हम जानते हैं निशस्त्रीकरण के प्रकारों के बारे में । निशस्त्रीकरण के अनेक प्रकार हैं, जो कि निम्नलिखित हैं ।

1 सामान्य निशस्त्रीकरण (General Disarmament)

सामान्य निशस्त्रीकरण के अंतर्गत सभी राष्ट्र भाग लेते हैं, परंतु इसमें सभी अस्त्रों और शत्रुओं पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया जाता ।

2 स्थानीय क्षेत्रीय निशस्त्रीकरण (Local Disarmament)

इस तरह के निशस्त्रीकरण में क्षेत्रीय और स्थानीय स्तर पर राष्ट्र की सीमित संख्या में भाग लेते हैं ।

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3 मात्रात्मक निशस्त्रीकरण (Quantitative Disarmament)

इस तरह के निशस्त्रीकरण के अंतर्गत बहुत सारे या सभी प्रकार के शस्त्रों पर नियंत्रण लगाया जाता है ।

4 परंपरागत निशस्त्रीकरण (Traditional Disarmament)

परंपरागत निशस्त्रीकरण के अंतर्गत शस्त्रों में कटौती की जाती है या उनका परित्याग किया जाता है ।

5 गुणात्मक निशास्त्रीकरण (Qualitative Disarmament)

गुणात्मक निशस्त्रीकरण  के अंतर्गत कुछ विशेष प्रकार के अस्त्रों और शस्त्रों में कटौती की जाती है या उनको त्याग दिया जाता है ।

6 आणविक निशस्त्रीकरण (Nuclear Disarmament)

इस तरह के निशस्त्रीकरण के अंतर्गत परमाणु या नाभिकीय अस्त्रों शस्त्रों का बहिष्कार किया जाता है । उनमें कटौती की जाती है और उनका परित्याग भी किया जाता है ।

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7 सम्पूर्ण निशस्त्रीकरण (Comprehensive Disarmament)

सम्पूर्ण निशस्त्रीकरण को एक ऐसी व्यवस्था माना जाता है, जिसमें विश्व के सभी राष्ट्र इस बात के लिए सहमत हो जाते हैं कि सभी प्रकार के शस्त्रों और हथियारों को नष्ट कर दिया जाए या फिर उनके प्रयोग पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी जाए । यानी इनका इस्तेमाल कोई किसी के खिलाफ न करें ।

शस्त्र नियंत्रण क्या है ?

आइए अब जानते हैं, शस्त्र नियंत्रण के बारे में । शस्त्र नियंत्रण को एक व्यापक अवधारणा माना जाता है । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए, शस्त्र नियंत्रण को एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है । शस्त्र नियंत्रण भविष्य में बनने वाली एक ऐसी योजना है, जिसके द्वारा हथियारों की होड़ के लिए शस्त्रों को समाप्त करने का प्रयास किया जाना ।

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जिस प्रकार निशस्त्रीकरण का अर्थ मौजूदा अस्त्र और शस्त्रों के भंडार को कम करना तथा उसमें कटौती करना है । वही शस्त्र नियंत्रण की अवधारणा में शस्त्रों के विस्तार तथा उसके समुचित प्रयोग को रोकने के लिए तथा भविष्य में शस्त्रों के उत्पादन को नियंत्रित करने का विचार शामिल किया जाता है । इस प्रकार से यह एक सकारात्मक धारणा है । विभिन्न प्रकार की नीतियों तथा समझौतों के द्वारा शांति को स्थापित करने की कोशिश की जाती है ।

शस्त्र नियंत्रण तथा निशस्त्रीकरण में समानता

शस्त्र नियंत्रण तथा निशस्त्रीकरण दोनों ही विश्व शांति और सुरक्षा के आपस में पक्षधर हैं ।

शस्त्र नियंत्रण तथा निशस्त्रीकरण दोनों ही युद्ध को रोकने और व्यापक स्तर पर होने वाली जन और धन की हानि को रोकने के संभव तथा प्रभावकारी साधन है ।

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शस्त्र नियंत्रण तथा निशस्त्रीकरण में अंतर

आइए अब जानते हैं, निशस्त्रीकरण और शस्त्र नियंत्रण में अंतर के बारे में । हमने इन दोनों के बारे में पढ़ लिया है । अब इसी आधार पर हम इनके अंतर के बारे में जान लेते हैं, जोकि निम्नलिखित हैं ।

1 एक तरह से शस्त्र नियंत्रण एक व्यापक अवधारणा है, जबकि निशस्त्रीकरण एक सीमित प्रभाव वाली अवधारणा है ।

2 निशस्त्रीकरण को एक नकारात्मक अवधारणा माना जाता है जबकि शस्त्ररीकरण एक सकारात्मक अवधारणा है ।

3 निशस्त्रीकरण द्वारा ठोस कार्यवाही पर बल दिया जाता है, जबकि मौजूदा हथियारों को सीमित और नियंत्रित और नष्ट करने पर बल देता है । जबकि शस्त्र नियंत्रण भविष्य में शस्त्रों के उत्पादन पर रोक लगाता है ।

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निष्कर्ष

अंततः अगर देखा जाए तो निशस्त्रीकरण और शस्त्र नियंत्रण दोनों ही का एक समान उद्देश्य है, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति और सुरक्षा को स्थापित करना । सभी विश्व एक तरह से एक अनिश्चित वातावरण में जी रहे हैं और प्रत्येक राष्ट्र निशस्त्रीकरण की बात कर रहा है । लेकिन बहुत सारे देश राष्ट्रवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा आदि का उदाहरण देकर अस्त्र और शस्त्रों के निर्माण में लगे हुए है । वर्तमान समय में बड़े स्तर पर परमाणु परीक्षण में लगे हुए हैं ।

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तो दोस्तो ये था, शस्त्र नियंत्रण और निशस्त्रीकरण के बारे में । साथ ही साथ हमने जाना इसकी आवश्यकता, विशेषताएं और इनमें अंतर के बारे में । अगर आपको यह Post अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर Share करें । तब तक के लिए धन्यवाद !!

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