भारतीय विदेश नीति के आधार

Fundamentals of Foreign Policy in India

Hello दोस्तों ज्ञानउदय में आपका एक बार फिर से स्वागत है और आज हम बात करेंगे, राजनीति विज्ञान में भारत की विदेश नीति (Foreign Policy in India) के बारे में । इस Post में हम जानेंगे भारतीय विदेश नीति के आधारभूत मूल तत्त्वों के बारे में । तो जानते हैं आसान भाषा में ।

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हर एक देश की अपनी एक विदेश नीति होती है । जिसके जरिए दूसरे देशों से मैत्रीपूर्ण संबंध बनाना, उनके साथ व्यवहार करना आदि शामिल किया जाता है और हर एक देश की नीति उनके आंतरिक और बाह्य कारणों पर निर्भर करती है । विदेश नीति का मुख्य आधार राष्ट्रीय हित है ।

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भारत भी अपने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित रखते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति व सुरक्षा को बनाये रखने के लिए अन्य राष्ट्रों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को बनाए रखता है तथा अंतरराष्ट्रीय कानूनों व संधियों के प्रति सम्मान का भाव उत्पन्न करने की हमेशा कोशिश करता रहता है ।

स्वतंत्र नीति का पालन

पंडित जवाहरलाल नेहरू के अनुसार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अन्य देशों से संबंधों के क्षेत्र में भारत एक स्वतंत्र नीति का अनुसरण करेगा और गुटों की खींचातानी से दूर रहते हुए, दुनिया के समस्त पराधीन देशों को आत्म निर्णय का अधिकार प्रदान करेगा तथा जातीय भेदभाव की नीति का दृणतापूर्वक उन्मूलन करने का प्रयास करेगा । साथ ही साथ वह विश्व के शांतिप्रिय राष्ट्रों के साथ मिलकर, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग और सद्भावना के प्रचार प्रसार के लिए भी हमेशा कोशिश करेगा । इसमें मुख्यता निम्नलिखित बातों को शामिल किया जाता है ।

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a) अगर बात की जाए ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की तो इस क्रम में भारत संस्कृति, सहिष्णुता और समन्वय बनाने में हमेशा से अग्रसर रहा है ।

b) भारत का राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन उपनिवेशवाद तथा साम्राज्यवाद के खिलाफ रहा है ।

c) विकसित तथा अल्प विकसित देशों की खाई समानता पर आधारित विदेश नीति ।

d) व्यक्तित्व के स्तर पर गांधी, टैगोर, सुभाष चंद्र बोस व जवाहरलाल नेहरू के आदर्शवाद व इंदिरा गांधी के क्रियात्मक व्यक्तित्व से प्रभावित रहा है ।

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विदेश नीति के आधारभूत मूल तत्व

आइए अब जानते हैं, भारतीय विदेश नीति के आधारभूत मूल तत्वों के बारे में । वह मुख्य तत्व कौन कौन से हैं जो भारत को एकता, अखंडता और शांतिप्रिय बनाए रखने में मदद करते आ रहे हैं ।

1) गुटनिरपेक्षता

“जब कोई देश किसी गुट में शामिल नहीं होता तो वह देश गुटनिरपेक्ष कहलाता है ।”

भारतीय विदेश नीति का केंद्र बिंदु सामान्य रूप से शीतयुद्ध में गुटों से अलग रहना रहा है । किसी गुट में शामिल न होकर दोनों के बीच मित्रता और संतुलन स्थापित करने की नीति बनाने का प्रयास रहा है । स्वतंत्र विदेश नीति का निर्माण करना और नवोदित राष्ट्रों के आर्थिक विकास को प्रेरित करने का प्रयत्न रहा है ।

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2) पंचशील समझौता

इस समझौते के द्वारा भारत ने अंग्रेजों से मिले उन सभी विशेष अधिकारों को समाप्त कर दिया । यह भारतीय विदेश नीति के नैतिक मूल्यों का घोतक रहा है । विश्व शांति को व्यवहारिक रूप में परिणत करने के लिए 29 अप्रैल 1954 को भारत चीन के संबंधों के क्रम में पंचशील समझौता के रूप में मान्यता दी गई इसकी विशेषताएं निम्नलिखित है ।

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अ. एक दूसरे की प्रादेशिक अखंडता व संप्रभुता का सम्मान करना ।

ब. एक दूसरे पर आक्रमण ना करना ।

स. एक दूसरे के देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप ना करना ।

द. समानता को बनाए रखना और आपस में लाभ को प्राप्त करना ।

ई. शांतिपूर्ण सह अस्तित्व को अपनाना ।

3) यथार्थवाद

यथार्थवाद अंतरराष्ट्रीय संबंधों को समझने का सबसे महत्वपूर्ण दृष्टिकोण है । किसी भी राष्ट्र की विदेश नीति का मुख्य उद्देश्य अपने राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा करना तथा उसमें बढ़ोतरी करना है । बदलती परिस्थितियों के अनुसार भारत ने आदर्शवादी नीति से स्वयं को यथार्थवाद की तरफ लेकर गया है । यथार्थवाद की नीति अपनाने के अनेक फायदे हैं ।

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4) गत्यात्मकता व अनुरूपता

गत्यात्मकता के साथ अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुरूप समायोजन करना । शीतयुद्ध के बाद से उदारीकरण से लेकर वैश्वीकरण तक भारत विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए अपनी विदेश नीति को बनाए हुए हैं ।

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निष्कर्ष के रूप में कहा जाए तो भारत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, स्वतंत्रता आंदोलन के आधार पर विदेश नीति के सिद्धांतों का निर्माण हुआ है । इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा, उपनिवेशवाद व साम्राज्यवाद का अंत तथा संयुक्त राष्ट्र में आस्था । दुनिया के अन्य राष्ट्रों से मित्रतापूर्ण सहयोग तथा भारतीय मूल व प्रवासियों की सुरक्षा का प्रयास । इसके लिए गुटनिरपेक्षता, पंचशील समझौता,  शांतिपूर्ण, सहअस्तित्व, यथार्थवाद के माध्यम से भारत में अपने गतिशील विदेश नीति को संचालित किया है ।

तो दोस्तों यह था भारतीय विदेश नीति के आधारभूत तत्वों के बारे में अगर आपको यह Post अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर Share करें । तब तक के लिए धन्यवाद !

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