उपराष्ट्रपति के कार्य, चुनाव और योग्यता

Vice President of India, Powers, Eligibility and Selection Procedure

Hello दोस्तों ज्ञानउदय में आपका स्वागत है, और आज जागेंगे भारत के उपराष्ट्रपति के बारे में । उनके कार्य शक्ति, चुनाव, योग्यता और कार्यकाल के बारे में । भारत के सबसे बढ़े पद यानी राष्ट्रपति के बाद उपराष्ट्रपति का पद आता है, जिसका अपना महत्व होता है । राष्ट्रपति को देश का प्रथम नागरिक माना जाता है । राष्ट्रपति की चुनाव प्रणाली, आपातकालीन शक्तियों और शान्तिकालीन शाक्तियों के बारे में हम पहले ही बता चुके हैं । अगर आप इनके बारे में पढ़ना चाहते हैं तो नीचे Link पर Click कर सकते हैं ।

पढें राष्ट्रपति की निर्वाचन प्रणाली और शान्तिकालीन शाक्तियों के बारे में । Click

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भारत में उपराष्ट्रपति

आइये जानते हैं, उपराष्ट्रपति के बारे में । राष्ट्रपति के बाद भारत में दूसरा सबसे बड़ा गरिमा वाला पद उपराष्ट्रपति का माना जाता है ।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 63 के अनुसार भारत का एक उपराष्ट्रपति होगा । भारतीय संविधान में उपराष्ट्रपति से संबंधित प्रावधान अमेरिका के संविधान से लिए गए हैं । भारत में उपराष्ट्रपति राज्य सभा का पदेन सभापति माने जाते है । उपराष्ट्रपति राज्य सभा का सदस्य नहीं होता है, अत: उपराष्ट्रपति को मतदान का अधिकार नहीं है । लेकिन सभापति के रूप में निर्णायक मत देने का अधिकार उन्हें प्राप्त है ।

उपराष्ट्रपति पद के लिए योग्यता

आइये अब जानते हैं, उपराष्ट्रपति पद के लिए व्यक्ति में क्या क्या योग्यताएं होनी चाहिए । कोई व्यक्ति उपराष्ट्रपति निर्वाचित होने के योग्य तभी होगा जब उसमें निम्न योग्यता हो ।

1) व्यक्ति भारत का नागरिक हो ।

2)  साथ ही 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो ।

3) राज्य सभा का सदस्य निर्वाचित होने की योग्यता रखता हो ।

4) निर्वाचन के समय वह भारत सरकार या राज्य सरकार या किसी प्रकार के लाभ के पद पर नहीं हो ।

5) वह संसद के किसी सदन या राज्य के विधान मंडल के किसी सदन का सदस्य नहीं हो सकता और यदि ऐसा व्यक्ति उपराष्ट्रपति निर्वाचित हो जाता है तो यह समझा जाएगा कि उसने उस सदन का अपना स्थान अपने पद ग्रहण की तारीख से रिक्त कर दिया है ।

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उपराष्ट्रपति का चुनाव

आइए अब जानते हैं कि उपराष्ट्रपति का चुनाव किस तरह से किया जाता है । उपराष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है । वह एक निर्वाचक मंडल के सदस्य द्वारा चुना जाता है । जिसमें एकल हस्तांतरण, वोट के माध्यम से अनुपातिक प्रतिनिधित्व की प्रणाली के अनुसार संसद के दोनों सदनों के सदस्य द्वारा होता है । ऐसे चुनाव में मतदान गुप्त तरीके से होता है । उप राष्ट्रपति संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं हो सकता । उपराष्ट्रपति के चुनाव से संबंधित जितने भी विवाद और समस्याएं हैं, उनके समाधान के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ही अंतिम निर्णय दिया जाता है । उपराष्ट्रपति को अपना पद ग्रहण करने से पहले राष्ट्रपति अथवा उसके द्वारा नियुक्त किसी व्यक्ति के समक्ष शपथ लेनी पड़ती है ।

उपराष्ट्रपति की कार्यशक्ति

उपराष्ट्रपति राज्य सभा का पदेन अध्यक्ष होता है । राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में, बीमारी में या किसी अन्य कारण से राष्ट्रपति अपने कार्य करने में असमर्थ है, तो उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति की जगह कार्यों का देखरेख करेगा । जब तक राष्ट्रपति अपने कार्य पर वापस ना आ जाएं, राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान उनकी मृत्यु की स्थित में या किसी अन्य कारणवश राष्ट्रपति का पद खाली होने की स्थिति में, उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के रूप में कार्य करेगा । जब तक कि अगले राष्ट्रपति का चुनाव नहीं हो जाता और अपने कार्यालय में कार्यभार ना संभाल ले ।

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उपराष्ट्रपति जब राष्ट्रपति के स्थान पर कार्य करता है तो, उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति द्वारा प्राप्त सभी शक्तियां और अधिकार प्राप्त हो जाते हैं । उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सत्रों की अध्यक्षता करता है और वोटों की समानता के मामले में वोट डालने का अधिकार भी रखता है ।

उपराष्ट्रपति का कार्यकाल

आइये अब जानते हैं, उपराष्ट्रपति के कार्यकाल और उनके पद से हटाने के प्रावधानों के बारे में । उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद उनका कार्यकाल की अवधि 5 वर्ष की होती है । उपराष्ट्रपति को उनके पद से हटाने के लिए राज्यों के परिषद के सभी तत्कालीन सदस्यों के बहुमत से पारित राज्यों के एक प्रस्ताव के द्वारा हटाया जा सकता है । इसके अलावा लोकसभा द्वारा सहमति भी व्यक्त की जाती है । अगर उपराष्ट्रपति चाहे तो वह अपने हाथ से लिख कर राष्ट्रपति को संबोधित करके अपना इस्तीफा भी दे सकता है । इसके बाद दूसरे उपराष्ट्रपति को बाकी की अवधि के लिए दोबारा से चुना जा सकता है ।

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वर्तमान में भारत के उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू हैं, जो 2017 से अभी तक हैं । इससे पहले मोहम्मद हामिद अंसारी थे, जिनका कार्यकाल 2007 से 2017 तक था । आज़ाद भारत के सबसे पहले उपराष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन थे जिनका कार्यकाल 1952 से 1967 तक था ।

तो दोस्तों ये था उपराष्ट्रपति के बारे में । उनकी कार्यशक्ति, कार्यकाल, उनकी योग्यता और उनका चुनाव । अगर Post अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तो के साथ ज़रूर Share करें । तब तक के लिए धन्यवाद !!

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