निति आयोग और वित्त आयोग

Niti Ayog & Finance Commission

Hello दोस्तो ज्ञानउदय में आपका स्वागत है, आज हम बात करेंगे भारतीय संविधान में नीति आयोग और वित्त आयोग (Planning and Finance Commission) के बारे में । साथ ही साथ इस Post में हम जानेंगे इसकी संरचना के बारे में, अध्यक्ष और अन्य सदस्य और उनकी योग्यता, कार्यकाल, अधिकार क्षेत्रों और कार्यों बारे में । तो जानते है आसान शब्दों में ।

नीति आयोग

भारत सरकार द्वारा बनाया गया यह एक गैर संवैधानिक संस्थान है | यह राष्ट्र को सशक्त बनाने का कार्य करता है । राज्य, शहर तथा ग्रामीण स्तर पर अनेक विश्वसनीय योजनाओं को बनाकर राष्ट्र को विकसित बनाने का संकल्प करता है । इस आयोग को पहले योजना आयोग (Planning Commission) के नाम से जाना जाता था । 1 जनवरी 2015 को मंत्रिमंडल द्वारा एक प्रस्ताव पास करके योजना आयोग को नीति आयोग का नाम दिया गया । जिसमें NITI का अर्थ है, National Institution for Transforming India यानी राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान । इसकी स्थापना 1 जनवरी 2015 को हुई  |

इसका मुख्यालय दिल्ली में भारत सरकार का मुख्य थिंक-टैंक है |

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नीति आयोग का मुख्य कार्य सामाजिक व आर्थिक मुद्दों पर सरकार को सलाह देने का है । जिससे सरकार ऐसी योजनाओं का निर्माण कर सके जो लोगों के हित में हो ।

निति आयोग को 2 भागों में बाटा गया है ।

A. राज्यों और केंद्र के बीच में समन्वय स्थापित करना |

B.  निति आयोग को बेहतर बनाने के लिए अन्य काम करना |

निति आयोग की संरचना

आइये अब जानते हैं, नीति आयोग की संरचना के बारे में । जानेंगे इसके अध्यक्ष के बारे में, कार्यक्षेत्र, नियुक्ति आदि के बारे में । जो कि निम्लिखित है ।

1 वर्तमान में नीति आयोग के अध्यक्ष भारत के प्रधानमंत्री हैं ।

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2 नीति आयोग में गवर्निंग काउंसिल में राज्यों के मुख्यमंत्री और केन्द्रशासित प्रदेशों (जिन केन्द्रशासित प्रदेशो में विधानसभा है वहां के मुख्यमंत्री ) के उपराज्यपाल शामिल होंगे ।

3 वर्तमान में नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार है, जो कि एक अर्थशास्त्री हैं । जिन्होंने अपना पद 1 सितंबर 2017 को ग्रहण किया ।

4 विशिष्ट मुद्दों और ऐसे आकस्मिक मामले, जिनका संबंध एक से अधिक राज्य या क्षेत्र से हो उनको देखने के लिए क्षेत्रीय परिषद को गठित किया जाता है । ये परिषदें विशिष्ट कार्यकाल के लिए बनाई जाती है । भारत के प्रधानमंत्री के निर्देश पर क्षेत्रीय परिषदों की बैठक होगी और इनमें संबंधित क्षेत्र के राज्यों के मुख्यमंत्री और केन्द्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल शामिल होंगे (इनकी अध्यक्षता नीति आयोग के उपाध्यक्ष करेंगे) ।

5 संबंधित कार्य क्षेत्र की जानकारी रखने वाले विशेषज्ञ और कार्यरत लोग, विशेष आमंत्रित के रूप में प्रधानमंत्री द्वारा नामित जाते है ।

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6 पूर्णकालिक संगठनात्मक ढांचे में अध्यक्ष के अलावा अन्य सदस्य भी होते हैं, जो अध्यक्ष तथा अन्य सदस्यों द्वारा नियुक्त किये जाते हैं, जो निम्न प्रकार हैं ।

a) नीति आयोग का उपाध्यक्ष, जो प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त किया जाता है ।

b) नीति आयोग में सदस्य पूर्णकालिक रूप में कार्य करते हैं ।

c) आयोग में अंशकालिक सदस्य अग्रणी विश्वविद्यालय शोध संस्थानों और संबंधित संस्थानों से अधिकतम दो पदेन सदस्य, अंशकालिक सदस्य बारी के आधार पर होंगे ।

d) इस आयोग में पदेन सदस्य केन्द्रीय मंत्रिपरिषद से अधिकतम चार सदस्य प्रधानमंत्री द्वारा नामित होंगे । यदि बारी के आधार को प्राथमिकता दी जाती है तो यह नियुक्ति विशिष्ट कार्यकाल के लिए होंगी।

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e) नीति आयोग में मुख्य कार्यकारी अधिकारी भारत सरकार के सचिव स्तर के अधिकारी को निश्चित कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त किया जाता है ।

वित्त आयोग (Finance Commission)

आइये अब जानते हैं, भारत के वित्त आयोग के बारे में । वित्त आयोग भारत की एक संवैधानिक संस्था है जो केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीय लेनदेनों पर अपने महत्वपूर्ण विचार और सुझाव देती है । वित्त आयोग का गठन राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है ।

वित्त आयोग की स्थापना

सर्वप्रथम वित्त आयोग को 22 नवम्बर, 1951 में संविधान के अनुच्छेद 280 के अनुसार, राष्ट्रपति द्वारा पहली बार संविधान लागू होने के दो वर्ष के भीतर गठित किया गया । इस आयोग के प्रथम अध्यक्ष के.सी. नियोगी थे । प्रत्येक पाँच वर्ष की समाप्ति पर या उससे पहले ऐसे समय, जिसे राष्ट्रपति आवश्यक समझे, एक वित्त आयोग को गठित करता है । राष्ट्रपति द्वारा गठित इस आयोग में एक अध्यक्ष और चार अन्य सदस्य होते हैं ।

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अध्यक्ष और अन्य सदस्य की योग्यता

वित्त आयोग के लिए सार्वजनिक कार्यों में व्यापक अनुभव वाले व्यक्ति को इसका अध्यक्ष चुना जाता है । केंद्रीय मंत्रिमंडल की सहमति से वित्त आयोग के अध्यक्ष को चुना जाता है, जिसका कार्यकाल 5 वर्ष का होता है । वर्तमान में एन. के. सिंह 15 वें अध्यक्ष है जिनका कार्यकाल 2020 से 2025 तक रहेगा ।

इसके अलावा बाकी के चार सदस्यों में एक उच्च न्यायालाय का न्यायाधीश या किसी प्रकार का योग्यताधारी होता है । दूसरा सदस्य सरकार के वित्त और लेखाओं का विशेष ज्ञानी होता है । तीसरा सदस्य वित्तीय विषयों और प्रशासन के बारे में व्यापक अनुभव वाला होता है । चौथा सदस्य अर्थशास्त्र का विशेष ज्ञानी होता है ।

वित्त आयोग के कार्य

आइये अब जानते हैं, वित्त आयोग के कार्यों के बारे में । आयोग का यह कर्तव्य है कि वह निम्न विषयों पर राष्ट्रपति को सिफारिश करता है –

आय कर और अन्य करों से प्राप्त राशि का केंद्र और राज्य सरकारों के बीच किस अनुपात में बँटवारा किया जाये ।

भारतीय नागरिकता की समाप्ति (Termination and Renunciation of Indian Citizenship) के बारे में जानने लिए यहाँ Click करें ।

किस तरह से राज्यों के बीच निर्धारित बजट को सभी तरह के कार्यों के लिए आबंटित किया जाए ।

संविधान के अनुच्छेद 275 के अंतर्गत “भारत के संचित कोष” से राज्यों के राजस्व में सहायता देने के क्या सिद्धांत हों ।

पंचायतों और नगरपालिकाओं के संसाधनों के आपूर्ति के लिए राज्य वित्त आयोग की शिफारिशों के आधार पर करता है । यह संचित निधि को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाता है ।

सुदृढ़ वित्त के हित में राष्ट्रपति द्वारा आयोग को सौंपे गए अन्य विषय के बारे में आयोग राष्ट्रपति को सिफारिश करता है ।

पढ़े :: भारतीय संविधान के भाग Parts of Indian Constitution

अब तक के अध्यक्ष व कार्यकाल

आइये अब जानते हैं, वित्त आयोग द्वारा चुने गए अब तक के अध्यक्ष और उनके कार्यकाल की अवधि के बारे में ।

1) के सी नियोगी (A.K. Niyogi)    1952-1957

2) के संथानम (K.Santhanam)     1957-1962

3) ए.के.चंदा (A.K Chanda) 1962-1966

4) पी.वी.राजमनारी(P.V. Rajamanari)      1966-1969

5) महावीर त्यागी (Mahavir Tyagi) 1969-1974

6) ब्रह्मानन्द रेड्डी (Brahmananda Reddy)      1974-1979

7) जे.एम.शैलट (J. M. Shalet)     1979-1984

8) वाई.वी. चव्हाण (Y.V. Chavan)  1984-1988

9) एन.के.पी.साल्वे (N. K.P.Salve)   1988-1995

10) के.सी.पंत (K.C.Pant)    1995-2000

पढ़े :: भारतीय संविधान की प्रस्तावना Preamble of Indian Constitution

11) प्रो.ए.एम.खुस्रो (Prof. A. M. Khusro)   2000-2005

12) सी.रंगराजन (C. Rangarajan)  2005-2010

13) विजय.एल.केलकर (Vijay.L.Kelkar)     2010-2015

14) डॉ.वाई.वी.रेड्डी (Dr. Y.V.Reddy) 2015-2020

15) एनके सिंह (N.K.Singh) 2020 से 2025 तक

तो दोस्तों ये था नीति आयोग और वित्त आयोग स्थापना, सदस्यों की योग्यता, अब तक के अध्यक्ष, उनके कार्यकाल और अधिकार क्षेत्रों के बारे में । अगर Post अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ ज़रूर Share करें । तब तक के लिए धन्यवाद !!

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