कूटनीति- विदेश नीति सम्बन्ध और अंतर

कूटनीति तथा विदेश नीति में सम्बन्ध और अंतर

Difference in Diplomacy and Foreign Policy

Hello दोस्तों ज्ञानउदय में आपका स्वागत है और आज हम बात करेंगे राजनीति विज्ञान में कूटनीति तथा विदेश नीति के बारे में । (Diplomacy and Foreign Policy in Hindi) जानेंगे इसके प्रमुख अंतर और साथ ही साथ जानेंगे इनका आपस में क्या संबंध होता है ? तो जानते हैं, आसान भाषा में कूटनीति तथा विदेश नीति के बारे में ।

कूटनीति और विदेश नीति का इस्तेमाल अक्सर दो देशों के आपसी संबंधों, समस्याओं, लेनदेन आदि नीतियों के लिये किया जाता है । हालांकि इन दोनों शब्दों को अक्सर एक-दूसरे के पर्यायवाची के रूप में प्रयोग किया जाता है और दोनों में कोई अंतर नहीं माना जाता । लेकिन वास्तव में देखा जाए तो विदेश नीति और कूटनीति दोनों ही एक ना होकर दो अलग-अलग धारणाएं है । जिनका अपना उद्देश्य और अर्थ होता है और इनका प्रयोग भी अलग-अलग तरीके से किया जाता है ।

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कूटनीति (Diplomacy) क्या है ?

तो सबसे पहले हमें कूटनीति के बारे में जान लेते हैं । अंतरराष्ट्रीय संबंधों में कूटनीति का महत्वपूर्ण स्थान है । कूटनीति को राजनय भी कहा जाता है । कूटनीति के द्वारा राष्ट्र अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने का प्रयास करता है । कूटनीति शांतिपूर्ण साधना के द्वारा विदेश नीति के लक्ष्य को प्राप्त करने का महत्वपूर्ण साधन या उपकरण माना जाता है । इससे राष्ट्रीय हितों में होती है । राजनय द्वारा अंतराष्ट्रीय स्तर पर संधि वार्ता करने का एक कुशतल तरीका माना जाता । हालाँकि इस शब्द का इस्तेमाल चतुराई, कपट आदि माना जाता है । इस तरह एक कूटनीतिज्ञ में कुशलता और चतुराई के गुण विद्यमान होना चाहिए । अधिक जानकारी के लिए यहाँ Click करें ।

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विदेश नीति (Foreign Policy) का अर्थ ?

आइये अब जानते हैं, विदेश नीति के बारे में । विदेश नीति उन सिद्धांतों तथा कार्यों का एक समावेश है । जिसके द्वारा एक राष्ट्र विभिन्न राष्ट्रों के साथ अपने संबंधों का निर्वहन करते हुए अपने राष्ट्रीय हितों को प्राप्त करने का प्रयास करता है । विदेश नीति विदेशी संबंधों का सार तत्व है । दूसरे राष्ट्रों के साथ अपने संबंधों का स्वरूप निर्धारण तथा निर्णय को क्रियान्वयन ही विदेश नीति है । विदेश नीति द्वारा कोई देश अन्य देशों के साथ अपने सम्बंद स्थापित करता है । हर देश की अपनी अपनी विदेश नीतियां होती है ।

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इस तरह यह कहा जा सकता है कि कूटनीति और विदेश नीति दो अलग अलग terms हैं, आसान भाषा मे कहें तो ये दो पहिए हैं, जो अंतरराष्ट्रीय राजनीति के वाहन को आगे बढ़ाते हैं । प्रत्येक राष्ट्र की एक विदेश नीति होती है तथा उसे सही तरह से चलाने के लिए एक कूटनीति बनाई जाती है । जिसके जरिए विदेश नीति के उद्देश्यों को प्राप्त किया जाता है ।

विदेश नीति और कूटनीति पर राजनीतिज्ञों के विचार

आइए पहले जान लेते हैं, कुछ महत्वपूर्ण राजनीतिज्ञ चिंतकों के बारे में । उन्होंने कूटनीति और विदेश नीति के बारे में क्या विचार दिए हैं । राजनीतिज्ञ चिंतकों के द्वारा कूटनीति और विदेश नीति एक सिक्के के दो पहलू हैं । ये आपस में अन्तरसम्बन्धित हैं । जिनके द्वारा किसी देश के उद्देश्यों, उनके लिए विकास और आदि समस्याओं को दूर किया जाता है ।

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हेरॉल्ड निकल्सन ( Herold Nicolson) के अनुसार-

“कूटनीति तथा विदेश नीति का संबंध राष्ट्रीय हितों का अंतर्राष्ट्रीय हितों के साथ समायोजन करने से है । दोनों का उद्देश्य राष्ट्रीय हितों की योजनाबद्ध प्राप्ति है । विदेश नीति का उद्देश्य राष्ट्रीय उद्देश्य या आवश्यकताओं की पूर्ति करना है । जबकि कूटनीति लक्ष्य ना होकर एक साधन मात्र है ।”

“कूटनीति शांति का साधन है । इसके माध्यम से विदेश नीति अपने लक्ष्य को युद्ध की अपेक्षा सहमति से प्राप्त करती है ।”

विक्टर वेलेसली के अनुसार-

“कूटनीति विदेश नीति नहीं है, परंतु विदेश नीति को लागू करने का एक उपकरण है । दोनों एक दूसरे के पूरक हैं, क्योंकि एक के बिना दूसरा काम नहीं कर सकता ।”

जे. आर. चाइल्ड्स के अनुसार-

“विदेश नीति विदेशी संबंधों की मूल वस्तु है । जबकि कूटनीति विदेश नीति को लागू करने वाली एक प्रक्रिया । एक नीति है तो, दूसरा कार्यक्रम । कूटनीति द्वारा विदेश नीति को क्रियात्मक स्वरूप प्रदान किया जाता है ।”

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कूटनीति तथा विदेश नीति में अंतर

आइये अब बात करते हैं, इनमें अंतर की । कूटनीति और विदेश नीति यह दोनों ही एक दूसरे से इतनी घनिष्ठता से जुड़े हुए हैं कि हमेशा ही दोनों को एक ही अर्थ में इस्तेमाल कर दिया जाता है । परंतु अगर गहराई से देखा जाए तो इसमें बहुत सारे अंतर पाए जाते हैं । आइए जानते हैं, कुछ महत्वपूर्ण अंतरों के बारे में जो कि निम्नलिखित हैं ।

1) विदेश नीति राष्ट्रीय हितों के उद्देश्यों को प्राप्त करने वाली योजना तथा एक ऐसा कार्यक्रम है । जिसके द्वारा विदेश नीति में निर्धारित किए गए लक्ष्यों को प्राप्त किया जाता है । जबकि कूटनीति विदेश नीति को लागू करने वाले साधन को कहा जाता है । विदेश नीति को किस तरीके से लागू किया जाए यह कूटनीति कहलाती है ।

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2) विदेश नीति को लागू करने या किर्यान्वित करने के लिए कूटनीति का सहारा लिया जाता है । किसी राष्ट्र की विदेश नीति कूटनीति या राजनय के माध्यम से विदेशों में संचालित होती हैं ।

3) हर एक देश की अपनी विदेश नीति होती है । विदेश नीति अन्य राष्ट्रों के संबंधों की मूल वस्तु है । जबकि कूटनीति एक प्रक्रिया है, जिससे विदेश नीति को विदेशों में या अन्य राष्ट्रों में लागू किया जाता है ।

4) इस तरह से विदेश नीति का क्षेत्र अधिक व्यापक माना जाता है, क्योंकि राज्य या देशों द्वारा विदेश नीति के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कूटनीति को एक उपकरण या साधन मात्र माना जाता है ।

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निष्कर्ष के रूप में कहां जाए तो, हम कह सकते हैं कि विदेश नीति तथा कूटनीति अंतरराष्ट्रीय संबंधों में किसी राष्ट्र के व्यवहार के अनिवार्य तथा महत्वपूर्ण तत्व है । इसी कारण एक-दूसरे देश के साथ सफल संबंध रखने के लिए एक राष्ट्र को तर्कसंगत विदेश नीति तथा कूटनीति दोनों की आवश्यकता होती है । इसलिए ये आपस मे अन्तरसम्बन्धित माने जाते हैं ।

तो दोस्तों यह था राजनीति विज्ञान में विदेश नीति और कूटनीति के बारे में और इसके प्रमुख अंतर । अगर आपको यह Post अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें । तब तक के लिए धन्यवाद !!

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